इस देश में चारों ओर इस देश में चारों ओर
इंसान की बस्ती में चलता देह व्यापार इंसान की बस्ती में चलता देह व्यापार
वो सब देश के गुनाहगार हैं अन्याय, अत्याचार के खिलाफ आवाज बुलंद न करने वाले वो सब देश के गुनाहगार हैं अन्याय, अत्याचार के खिलाफ आवाज बुलंद न करने वाल...
प्रशासन भी साथ उन्हीं का देती जिनसे उनकी पैसों की बुझती प्यास है प्रशासन भी साथ उन्हीं का देती जिनसे उनकी पैसों की बुझती प्यास है
लोग धरने देते है वो नहीं सुधरने वाले वो जानते है मज़हब के मायने समझते है मतलब की ज़बान लोग धरने देते है वो नहीं सुधरने वाले वो जानते है मज़हब के मायने समझते है मतल...
मैं तो इस देश का अन्नदाता फिर क्यों मैं लहूलुहान हूँ मैं तो एक किसान हूँ ।। मैं तो इस देश का अन्नदाता फिर क्यों मैं लहूलुहान हूँ मैं तो एक किसान हूँ ।...